जय भैरवनाथ

जय भैरवनाथ

A Poem by saksham
"

Song of lord Bhairav nath a Hindu dev

"
जय भैरवनाथ


�" �" �" �" �"..
�" �" �" �" �".....
दीनों की �™ाज रखखो, बाबा जटाधारी,
बरसो दुआ मैं ऐसे मेरे भंडारी,
जितने भी आयें यहाँ पर जाएं ना खा�™ी,
मि�™कर बजादें भक्तों हम सब ता�™ी,
बो�™ो बाबा शमशानी तेरे भक्तों ने ठानी।

भो�™ा सा मुख है तेरा भो�™े सी काया,
त्रिशू�™ खडा है तेरा ढमरू भी आया,
न�-रो को छोड तुमने शमशान बसाया,
बाबा मेरे मन को तुमने अपना घर बनाया,

मि�™कर बजादें भक्तों हम सब ता�™ी,
बो�™ो बाबा शमशानी तेरे भक्तों ने ठानी। (2)

जितना सा�-र में ज�™ है उतना दया�™ु,
नी�™ा जितना अंबर है उतना कृपा�™ु,
मां�-ू में तुझसे मेरी क्या मजा�™ है,
झुक जाए थोडा जो वही मा�™ामा�™ है,

मि�™कर बजादें भक्तों हम सब ता�™ी,
बो�™ो बाबा शमशानी तेरे भक्तों ने ठानी।

काशी कोतवा�™ी संभा�™ी, कोतवा�™ कह�™ाए,
खुद की ही छाया भो�™े आपको दि�™ाए,
शिव की भक्ति पाकर भैरव कह�™ाए,
मदिरा का भो�- �™िया, पान भी खाँए ।

मि�™कर बजादें भक्तों हम सब ता�™ी,
बो�™ो बाबा शमशानी तेरे भक्तों ने ठानी।


© 2015 saksham


My Review

Would you like to review this Poem?
Login | Register




Share This
Email
Facebook
Twitter
Request Read Request
Add to Library My Library
Subscribe Subscribe


Stats

112 Views
Added on September 22, 2015
Last Updated on September 22, 2015

Author

saksham
saksham

agra, uttar pradesh, India



About
a simple hindi poet. more..

Writing