मेरा जीवन जी कर देख

मेरा जीवन जी कर देख

A Poem by saksham

'' मेरा जीवन जी कर देख ''

मिट्टी मिट्टी न �™�-े,
पानी से प्यास न बुझे,
सा�-र की �-ेहराई जैसी हों कठिनाइयाँ,
हर प�™ जीना दुश्वार �™�-े....

च�™ते रहे दिनभर पर राह न मि�™े,
हर कोशिश रहे नाकाम कोई काम न च�™े,
कैसा भी करु काम हर काम में रोङे हों,
जब की �-धों वा�™े काम में मुझ जैसे घोङे हों....
तब भी जी सकता हूं हिम्मत तो देख,
मेरा जीवन देख जज्बात देख,
कभी भी कमी नहीं पाता हूँ फिर भी,
तू जितना चाहे सितम करके देख....

एक माँ है एक बाप है,
उनका छोटा सा जीवन मेरे साथ है,
चुरा �™ूँ�-ा हर �™म्हा तुझसे उनके नाम का,
यह बता में कब कहूँ�-ा तू हे मेरे काम का,
मुझे पता है एक दिन ऐसा आए�-ा,
जब तू जीवन के सारे सुख कराए�-ा....

इंतजार में हूँ उस हर �™म्हे के,
जब तू मेरा माँ पापा सबका साथ निभाए�-ा,
खूब रु�™ाया तूने कब एक �"र जीवन का अनुभव कराए�-ा,
हे जीवन रचने वा�™े '' मेरा जीवन जी कर देख '' बङा मजा आए�-ा।।

�™ेखक :- सक्षम

© 2015 saksham


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Reviews

Ok seth ji jesa aap kahe vese hi karta rahunga muje kuch jada knowledge nhi haina aap dete rha kariye.. . He He thanks bhai

Posted 9 Years Ago


Ye to man ko chhune wali, bhawanayukt kavita hai.
Ye jo lamhe hai bada bhayuk hai.

Ek suggestion hai, jab bhi agar hindi post karna ho unhe ya to unicode pe convert kar de ya phir jpg par post karen.

Posted 9 Years Ago


1 of 1 people found this review constructive.


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109 Views
2 Reviews
Added on April 29, 2015
Last Updated on April 29, 2015

Author

saksham
saksham

agra, uttar pradesh, India



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a simple hindi poet. more..

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