'' मेरा जीवन जी कर देख ''

'' मेरा जीवन जी कर देख ''

A Poem by saksham
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कवि ने कविता में अपने जीवन के अनुभव को दर्शाया है और भगवान् से गुजारिश की है की उम्मीद हे कवि का आन

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” मेरा जीवन जी कर देख ”

मिट्टी मिट्टी न �™�-े,
पानी से प्यास न बुझे,
सा�-र की �-ेहराई जैसी हों कठिनाइयाँ,
हर प�™ जीना दुश्वार �™�-े….

च�™ते रहे दिनभर पर राह न मि�™े,
हर कोशिश रहे नाकाम कोई काम न च�™े,
कैसा भी करु काम हर काम में रोङे हों,
जब की �-धों वा�™े काम में मुझ जैसे घोङे हों….
तब भी जी सकता हूं हिम्मत तो देख,
मेरा जीवन देख जज्बात देख,
कभी भी कमी नहीं पाता हूँ फिर भी,
तू जितना चाहे सितम करके देख….

एक माँ है एक बाप है,
उनका छोटा सा जीवन मेरे साथ है,
चुरा �™ूँ�-ा हर �™म्हा तुझसे उनके नाम का,
यह बता में कब कहूँ�-ा तू हे मेरे काम का,
मुझे पता है एक दिन ऐसा आए�-ा,
जब तू जीवन के सारे सुख कराए�-ा….

इंतजार में हूँ उस हर �™म्हे के,
जब तू मेरा माँ पापा सबका साथ निभाए�-ा,
खूब रु�™ाया तूने कब एक �"र जीवन का अनुभव कराए�-ा,   

हे जीवन रचने वा�™े ” मेरा जीवन जी कर देख ” बङा मजा आए�-ा।।

writer :- सक्षम


© 2014 saksham


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161 Views
Added on July 12, 2014
Last Updated on December 26, 2014
Tags: Onestoppoems.blogspot.com

Author

saksham
saksham

agra, uttar pradesh, India



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a simple hindi poet. more..

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