![]() Berukh zindagiA Poem by prodicallife![]() first time composed in hindi as gift to my dear friend. Hope you like this one....![]() ™ड़का: फिर आया हु तेरे दर पर ™ेकर ये आवारा दि™ ना सूद है ना स™ीखा है अब तो तू ही है मेरी आखरी मंजि™..
™ड़की: मंज़ि™े नहीं है जीने का सबब यह तुझे सोने ना दें-ी तड़पता रहे-ा उम्र भर इस दि™ पर तेरा नाम होने ना दें-ी....
™ड़का: यह मोहब्बत है कोई खे™ नही आखरी सास तक निभाऊं-ा अब तो जब टूटें-ी सासे तभी इस दर से जाऊँ-ा....
™ड़की: मत कर तेरी मोहब्बत की नुमाइश यहाँ नही करती मी प्यार तुझसे ™े जा अपना दि™-ए-तोहफा यहाँ से ना हो-ी यह मोहब्बत यह प्यार मुझसे....
™ड़का: मत भेज मुझे तू दर से अपने जीता जी मर जाऊँ-ा ज़िन्द-ी ने तो वफ़ा न की चैन से मर भी ना पाऊं-ा....
™ड़की: ए ज़िन्द-ी की फरमाइश करने वा™े अब तू जीना छोड़ दे मंज़ि™ से अपनी भटक -या है तू इस राह पर आना छोड़ दे.... ™ड़का: ए हुस्न-ए-ब™ा अपने शब्दों पर -ौर कर हर फरमाइश पूरी करूं-ा कहा था ™े ज™ा दे मुझे..........."र फना कर....
™ड़का: मर भी -या तो चैन ना पाऊं-ा मेरी कब्र पर आती रहना करूँ-ा तेरा दीदार तब भी दास्ताँ-इ-मोहब्बत सुनाऊं-ा....
™ड़की: अब छोड़ दे सब यह पा-™ आशिक सो जा चैन की नींद तू ™े आज़ाद कर दिया तुझे इस ज- से कब तक तड़पता रहता तू....
™ड़का: जिया था तेरा नाम ™ेकर मर कर भी इंतज़ार करूँ-ा सूनी छोड़ दी है 4 -ज ज़मीन साथ मे जहा अपनी मोहब्बत की मूर्ति ™-ाऊं-ा....
™ड़की: क्यों करता है इतना प्यार मुझसे दर के सिवा क्या दिया है तुझको....
™ड़का: तदपते है जिसके ™िए हज़ारो आशिक तेरे हाथो से वो मौत मि™ी है मुझको....
™ड़की: च™ी सासों सं- बेवफाई हमेशा ज़िन्द-ी नै भी बदनसीबी को सं- जोड़ दिया है एक सच्ची मोहब्बत मि™ी थी शिद्दत से उसका भी मैने -™ा घोट दिया है........
™ड़का: या खुदा----तुने तो किस्मत का रुख ही मोड़ दिया है आज तक मोहब्बत नै वफ़ा न की थी "र आज मोहब्बत सं- है.. तो ज़िन्द-ी ने साथ छोड़ दिया है........
™ड़की: नहीं जीना अब "र, करके मोहब्बत को रुसवा खुद से पाक-ए-ज़िन्द-ी को राख किया है.... ठुकरा दिया तेरी ज़िन्द-ी को जबसे शांत होए-ा -ुनाह-ए-चिरा- अब तो सिर्फ मौत के सबब से....
™ड़का: सुकून था उनके आने का जो प™ भर मी किसी ने मिटा दिया इंतज़ार कर रहा था उसका अपनी कब्र के पास "र जा™िमो ने उसे ज™ा दिया....
FROM THE HEART.... © 2011 prodicallifeAuthor's Note
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2 Reviews Added on August 13, 2011 Last Updated on August 13, 2011 Author![]() prodicallifejaipur, rajasthan, IndiaAbouti`m a writer of my own destination, Hi this is Saurabh Bhatia...random thotsss invade my mind all the time....LOVE is what i would like to specify izzz my favourite field.. LETA HU TERA NAAM HR PAL .. more..Writing
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