रात गहरी हो गयी च™ो सो जाते है।A Poem by Mr Shayarरात गहरी हो गयी च™ो सो जाते है।रात -हरी हो -यी च™ो सो जाते है। भू™ना था जिन्हें बेशक, एक इख्तियार कर -ए है। तस™्™ी किस बात की दूँ तुझे ए-नादां-दि™। अब एक खामोशी है हर तरफ पसरी "शायर"। © 2017 Mr Shayar |
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