अब यंहा नहीं, कँहा हूँ मैंA Poem by Mr Shayarअब यंहा नहीं, कँहा हूँ मैं
अब यंहा नहीं, कँहा हूँ मैं
ढूंढ कर देखो क्या तुम्हारे दि™ मैं नहीं हूँ मैं यादों मैं, वादों मैं, जफ़ा" मैं नहीं हूँ मैं महसूस करके देखो क्या तुम्हारी सांसो मैं नहीं हूँ मैं -़ज़™ो मैं, नज़मो मैं, किताबो मैं नहीं हूँ मैं बो™ कर देखो क्या तुम्हारे ™फ्ज़ो मैं नहीं हूँ मैं खया™ो मैं, सवा™ों मैं, जवाबो मैं नहीं हूँ मैं -ौर से देखो आइना जरा, क्या तुम्हारी आँखों मैं नहीं हूँ मैं कँहा जुदा हुआ है तुझसे ये "शायर" हर ज-ह, हर कंही हूँ मैं ab yanha nhi, kanha hnu mai doondh kar dekho kya tumhare dil mai nhi hoo mai yaado mai, vado mai, jafao mai nhi hoo mai mehsoos krke dekho kya tumhari sanso mai nhi hoo mai gahzalo mai, najamo mai, kitabo mai nhi hnu mai bol kr dekho kya tumhare lafzo mai nhi hoo mai khayalo mai, savalo mai, jawabo mai nhi hoo mai gor se dekho aaina jara, kya tumhari aankho mai nhi hoo mai hai kanha alg hua hai tujhse ye "shayar" har jagah, har knhi hoo mai © 2017 Mr Shayar |
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