पयार मैं धीरे धीरे ज�™ना अछा �™गता है

पयार मैं धीरे धीरे ज�™ना अछा �™गता है

A Poem by Mr Shayar
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पयार मैं धीरे धीरे ज�™ना अछा �™गता है

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पयार मैं धीरे धीरे ज�™ना अछा �™�-ता है
खुद ही कहना खुद ही सुन्ना अछा �™�-ता है
कुछ भी खास नही न जाने क्यों
भीड़ से काट कर तनहा च�™ना अछा �™�-ता है
दर्द तड़प �"र आँशु जब से मि�™े हे मुझको
हरदम जखम ताजा रखना अछा �™�-ता है
जिसने मुझे पर एक भी नजर न डा�™ी कभी
उसके �™िए हर रोज संवरना अछा �™�-ता है
मखम�™ के नरम �-�™ीचे भी चुब्ने �™�-ने है अब
तेरी खातिर धुप मैं ज�™ना अछा �™�-ता है
पयार मैं धीरे धीरे ज�™ना अछा �™�-ता है
खुद ही कहना खुद ही सुन्ना अछा �™�-ता है

© 2017 Mr Shayar


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Added on August 5, 2017
Last Updated on August 5, 2017
Tags: पयार मैं धीर

Author

Mr Shayar
Mr Shayar

Jaipur, Rajasthan, India



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