एक टुकड़ा आसमाँ �™े आना

एक टुकड़ा आसमाँ �™े आना

A Poem by Mr Shayar
"

एक टुकड़ा आसमाँ �™े आना

"

जब आ�" कभी मुझसे मि�™ने तो एक टुकड़ा आसमाँ �™े आना
चंद खवईसे �™े आना, थोड़ा जूनून �™े आना ||


एक मुकम�™ उम्र �-ुजारनी है साथ तुम्हारे
थोड़ी तुम च�™ी आना, थोड़ा मुझे �™े आना ||


अ�-र शिकायते हो मुझसे तो हिज़ाब न रखना
कुछ मैं समझ जाऊं�-ा, थोड़ा तुझ मान जाना ||


जो �-ुजरना था वो �-ुजर �-या है, उसे ताउम्र याद क्या रखना
मैं धुंआ बन जाऊं�-ा, तुम हवा बन जाना ||


एक नई राह, एक नई मंजि�™ है, च�™ो च�™ते है साथ मैं
मैं तुम्हारा बन जाऊं�-ा, तुम मेरी हो जाना ||


"शायर"

© 2017 Mr Shayar


My Review

Would you like to review this Poem?
Login | Register




Share This
Email
Facebook
Twitter
Request Read Request
Add to Library My Library
Subscribe Subscribe


Stats

57 Views
Added on August 5, 2017
Last Updated on August 5, 2017
Tags: आसमाँ love

Author

Mr Shayar
Mr Shayar

Jaipur, Rajasthan, India



About
I love to write more..

Writing