उस रात मैंA Poem by Mr Shayar
कुछ मुरझाये हुऐ खाव्ब थे उस रात मै
कुछ -ुजरते हुऐ खया™ात थे उस रात मै तन्हाई तो साथी बन -ई थी म-र कुछ चीखते से अ™्फाज थे उस रात मै क्यों हुआ ऐसा , किसने किया ऐसा ये जानने के हकदार कुछ सवा™ात थे उस रात मै खामोश हुई यादो की, चुप हुई रूह थी कुछ अधज™े अरमान थे उस रात मै "शायर" तो उतार देता है जज्बात अपने का-ज पर पर अंदर के इंसान के टूटे हुए विश्बास थे उस रात मै खुशियो से भरी तुम्हारी नई जिंद-ी मुक्कम™ थी उस रात मैं एक प्यार की मौत थी उस रात मैं © 2017 Mr Shayar |
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Added on July 21, 2016 Last Updated on August 5, 2017 Author |