नारी शक्तिA Poem by Mayank Singhit is a poem about the crime happening to women .
नारी शक्ति , नारी भक्ति
उनको छोटा मत समझो नारी को छेदना छोड़ो अपने कम से मत™ब रखो नारी होती है दुर्-ा नारी होती है का™ी अ-र तुमने उन्हे क्रोधित किया तो मजबूरन खा" -े चप्प™ "र -™ी नारी शक्ति , ऐसी शक्ति जो किसी कर सर झुका सके अ-र तुमने नारी को छेड़ा तो वह तुम्हारी ज़िंद-ी बर्बाद करे नारी पर अतत्याचार मत करो नारी का शोषण मत करो नारी का अपमान मत करो सिर्फ उसका सम्मान करो © 2015 Mayank SinghAuthor's Note
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StatsAuthorMayank Singhnoida , IndiaAbouti am a very nice poet of 12 years . please like my poetry and also read it and share comments. more.. |