![]() जिंदगी! आज भी है !A Poem by jak![]() We fail many times, but want to try once more. Our dreams shatter many times, but still we dream. We fear, but we still explore. All this is because of a HOPE. Hope of success, Hope that our dreams wi![]() जिंद-ी है दिन, जिंद-ी है रात जिंद-ी में शाम आज भी है. जिंद-ी है तन्हा, जिंद-ी जिंद-ी में खुशी का एक ™म्हा आज भी है. आँखों में नींद, चेहरे पे खौफ होंठो पे मुस्कान आज भी है. जिंद-ी से -ुस्सा, जिंद-ी है सूखी मौत का डर आज भी है. बोत™ है भरी, जाम है कड़वा पीने वा™ो की तादाद आज भी है. है जिंद-ी पे पहरे, बंदिशे जिंद-ी पर महफि™ों में रं-त आज भी है. जिंद-ी बे-मज़ा, बे-जायका, बे-मत™ब जिंद-ी से प्यार आज भी है. है रात का™ी, आसमान का™ा फजर के आफ़ताब का नूर आज भी है. रात अँधेरी, सूनी -™ियां तारों की टीम-टीमआहट आज भी है. आँखों में नमी, दि™में है शंका मन में जज्बा आज भी है. अनजान सी सूरत, बे-नाम है तू, तेरी जु™्फों में खुशबु आज भी है. बातो में -ुस्सा, चेहरे पे नाराज़-ी आँखों में तेरी शर्म आज भी है. जिंद-ी रुकी- रुकी सी, जिंद-ी में उठा-पटक आज भी है. शीशे में क़ैद, जंजीरों में जकड़ी, दीवारों के बीच, बिना छत के, जिंद-ी घुटन भरी, मौत के करीब कफन की त™ाश में है जिंद-ी!!! पर, पर जिंद-ी से उम्मीदे आज भी हैं............
© 2011 jak |
StatsAuthor![]() jakIndiaAboutI am a simple guy, love to read about religion, spirituality, history etc. Like to write but not very often. more..Writing
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