जिंदगी! आज भी है !

जिंदगी! आज भी है !

A Poem by jak
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We fail many times, but want to try once more. Our dreams shatter many times, but still we dream. We fear, but we still explore. All this is because of a HOPE. Hope of success, Hope that our dreams wi

"
जिंद�-ी है दिन, जिंद�-ी है रात
जिंद�-ी में शाम आज भी है.
जिंद�-ी है तन्हा, जिंद�-ी
जिंद�-ी में खुशी का एक �™म्हा आज भी है.

आँखों में नींद, चेहरे पे खौफ
होंठो पे मुस्कान आज भी है.
जिंद�-ी से �-ुस्सा, जिंद�-ी है सूखी
मौत का डर आज भी है.

बोत�™ है भरी, जाम है कड़वा
पीने वा�™ो की तादाद आज भी है.
है जिंद�-ी पे पहरे, बंदिशे जिंद�-ी पर
महफि�™ों में रं�-त आज भी है.

जिंद�-ी बे-मज़ा, बे-जायका, बे-मत�™ब
जिंद�-ी से प्यार आज भी है.
है रात का�™ी, आसमान का�™ा
फजर के आफ़ताब का नूर आज भी है.

रात अँधेरी, सूनी �-�™ियां
तारों की टीम-टीमआहट आज भी है.
आँखों में नमी, दि�™में है शंका
मन में जज्बा आज भी है.

अनजान सी सूरत, बे-नाम है तू,
तेरी जु�™्फों में खुशबु आज भी है.
बातो में �-ुस्सा, चेहरे पे नाराज़�-ी
आँखों में तेरी शर्म आज भी है.

जिंद�-ी रुकी- रुकी सी,
जिंद�-ी में उठा-पटक आज भी है.

शीशे में क़ैद, जंजीरों में जकड़ी,
दीवारों के बीच, बिना छत के,
जिंद�-ी घुटन भरी, मौत के करीब
कफन की त�™ाश में है जिंद�-ी!!!

पर, पर जिंद�-ी से उम्मीदे आज भी हैं............

© 2011 jak


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jak
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Posted 13 Years Ago



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Added on June 30, 2011
Last Updated on June 30, 2011
Tags: zindagi, Life, Hope
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jak
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I am a simple guy, love to read about religion, spirituality, history etc. Like to write but not very often. more..

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