Normal write upA Chapter by VISHAL SINGLAGive your viewsज़िन्द-ी एक ™म्हे की तरह है , जो पा™क झपकते ही ख़त्म हो जाती है | वक़्त बेवत कुछ नहीं होता , होता है तो हमारी यादों का समुन्दर ,हमारे -ुज़ारे हुए प™ ....दर्द में बी ये ™ब मुस्कराह जाते है , बीते ™म्हे जब बी याद आते है |
कोई कशिश है इन आँखों में , जो दस्तक दे रही है ,कुछ कहना चाहती है ये आँखें , कोई दीवान-ी सी छाईए है इन में ,कुछ प™ों को संजो- कर रखना चाहती है ये प™कें ,कुछ मीठे एहसास को महसूस करना चाहती है ये सांसें ,दर्द के आ™म में भी कुछ कहे बिना ये नम आंखें बहुत कुछ कह जाती अपनी खामोशियों से , दि™ में एक अजीब सी ह™च™ है , एक सकूँ है , एक ™हर है जो हवा की झोके की तरह कुछ -ुन-ुना चाहती है | हवा"ं का रुख जैसे सिमट -या मेरे आस पास , बिना कुछ कहे ही ये हवाएं ™े जाना चाहती है कहीं, दि™ डूबा हुआ है यादों के समुन्दर में , जिन्हें ये हवाएं कश्ती की तरह अपने साथ ™े जाना चाहती है|
कोई आरज़ू, कोई अरमान ,कोई चाह कुछ नहीं है , बस एक दौड़ है जो जाने कहाँ ™े जा रही है, जब आज का पता नहीं , तो क™ का सोच कर क्या करें , ज़िन्द-ी जैसे थम सी -यी है ,जो कह रही है आ" बर दो इन खा™ी पनो में कुछ नए रं- ,नए अ™्फ़ाज़ ,नयी उम्मीदें ,जो जाने ना दे कोई भी रं- को बेरं-. अ™्फ़ाज़ ब™्हे ही कम पड़ जाएँ ,हवा" का रुख ब™्हे ही कुछ कहे ,बंद आँखें चाहे कोई भी सपना देखे , चाहे होठ सी जाएँ , चाहे आँखें नम हो जाएँ , बद™ दो ज़िन्द-ी के रुख को अपने एहसास से, अपनी ज़िंदादि™ी से| डर किस बात का , जब आने वा™े प™ का पता नहीं ,क्यों बेचैन रहे ये मन ,आने दो इन हवा"ं सी मीठी सुकन्ध को ,बह जाने दे दि™ के सुकन को|
समुन्दर की -हराई सी भी -हरा होता है ये दि™ , जिसमे प्यार का रं- हमेशा उजा-र रहता है , जो जीने की वजह है "र हर वजह से बढ़कर है ,क्यों ना प्यार करे अपने आप से, क्यों ना जिए हर वो रं- जो हमारे खवाबों में है, क्यों ना महसूस करे उस एहसास को जो प™्प रहा है कहीं दि™ में , प्यार किसी का मोहताज़ नहीं ,प्यार बस हो जाता है बिना कहे , कभी कभी आँखों सी झ™कता हुआ प्यार भी बद™ देता है जीने के एहसास को ,कोई पत्थर कितने भी दे ,कमी ना हो प्यार की -हराई की , प्यार सुर ता™ की तरह है जिसका एहसास उस मधुर -ाने की त्तरह है जो नीरसता को रस में बद™ दे ,मुरजाए हुए चेहरे को खि™ा दे ,जिसमे सब कुछ बहुत खूबसूरत ™-ता है, ये न-मे बहुत खास होते है जिनको जितना भी संजो-कर रखो ,वो उतनी ही मीठी खुशबू देते हैं|
ज़िन्द-ी का सफर बहुत ™ंबा है ,पर समय कम है,करने को बहुत कुछ है ,एहसास को दबाने का नहीं जताने का आ™म है | कोई भी दुःख हमें कितना भी तोड़ दे , पर छोटी छोटी प™ों को खुशियों के साथ जीने से ,जीने की तमना "र भी प्रब™ हो जाती है |
वक़्त किसी के ™िए नहीं ठहरता ,ज़िन्द-ी किसी के ™िए नहीं रूकती , रहती है तो सिर्फ यादों ,सुनहरे प™ ........
Live life with full of happiness, with no regrets, what we do, what we earn and loose , above all is living and understanding the deepness of life. Fill the life with love, love yourself and love others, fill the colors of joy…pride and success will come themselves at your doorstep. © 2017 VISHAL SINGLA |
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Added on March 16, 2017 Last Updated on March 16, 2017 Author
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