मीठी - ह™्की फुहारेंA Chapter by Saddamतमस, अन्धकार की वह रात न थी वह दिन, पर बरसात की रात एक ही छतरी में दोनों का साथ। प्यार की बातें- मीठी - ह™्की फुहारें छतरी से उड़-उड़के आती हुई। नयनों में नयनों की अटखे™ियां उनकी अबूझ पहे™ियां बढ़ा रही थी उन्माद।
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Added on March 3, 2015 Last Updated on March 3, 2015 |