![]() तेरी माँग में सिंदूर सजा दूँ क्याA Poem by Raj Swami![]() हिन्दी ™व गज़™![]() तेरे पैरों में पाय™ पहना दूँ क्या हाथों में कं-ना खनका दूँ क्या सो™ह बरस की हो च™ी अब तेरी माँ- में सिंदूर सजा दूँ क्या दि™ का मंदिर खा™ी-खा™ी है उसमे तेरी मूरत ™-ा दूँ क्या तन्हा रहना अच्छा नहीं है "र मेरे घर पर बात पहुँचा दूँ क्या माँ सपने देखती है परियों के तू कहे तो तस्वीर दिखा दूँ क्या सोचता है हर प™ तुम्हें ,राज, ये छुपा राज सबको सुना दूँ क्या राज स्वामी राज स्वामी
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