Raj Swami poemA Poem by Raj Swamiराज स्वामी पर™ीका
हर प™ मैं तेरा इन्तजार करता हुँ
कभी तो आ" बारिश की तरह अब तो मेरी आँखों की बारिश भी थम चुकी है भि-ो जा" मेरा मन,खि™ जाए मेरा चमन मुर्झाया पेड़ जैसा हो -या हुँ तुम्हारे प्यार का पानी दे जा" हो सकता है नई कोम्प™ें निक™ आये इस टुटे दि™ की -हराई से Raj swami © 2018 Raj Swami |
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1 Review Added on April 20, 2018 Last Updated on April 20, 2018 Tags: Rajswami, raj swami parlika Author |