Raj Swami poemA Poem by Raj SwamiHindi poem of raj swami
इन आँखों का पानी अब सै™ाब ™ाए-ा
बचना है वो घर छोड़ दे वर्ना बह जाए-ा कितने दिन "र रहना है सुकून से यहाँ वक्त का चौकीदार सूचना ™-ा जाए-ा दि™ तोड़ने वा™े कितने ™ो- है बस्ती में एक - एक करके हिसाब ™िया जाए-ा रहम की कोई उम्मीद ना करना अब हर सख्श नि-ाहों से कत्™ किया जाए-ा जिस को है मंजूर सजा मोहब्बत की उसका दसकत दि™ पर ™िया जाए-ा सोच ™ो अभी भी वक्त है तुम्हारे पास हर दि™ का पूरा "राज" ™िखा जाए-ा Raj swami copyright © 2018 Raj Swami |
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Added on April 20, 2018 Last Updated on April 20, 2018 Author |