Well those pictures are excellent and babies are so cute Prritiy.
Regarding poetry this is amazing and I went back to my olden times :)
I hope this was initially written in Hindi and then to English ;)
Wow! I would appreciate if you share you - Hindi version here with me :)
- Cheers!
- Singh :)
Posted 11 Years Ago
1 of 1 people found this review constructive.
11 Years Ago
Vikrant many many thanks for such a wonderful review, these pics are of my youngest and sweet nephew.. read moreVikrant many many thanks for such a wonderful review, these pics are of my youngest and sweet nephew Dhruv taken at his various stages of growth. :)
I am glad you went back to your childhood but the later stage :P earlier you can only imagine not remember :)
You are right on the point this is also one of those which i initially wrote in Hindi.
here's for you :)
फिर कहते हैं
***************
दो बड़े कर रहे बातें
बच्चों की होती हैं दिन और रातें,
न कमाने की चिंता कोई,
न गंवाने के डर में नींद खोई.
.
.
भूले? क्या बचपन के दिन थे,
जब बोल बोलना नहीं सीखे थे,
था कितना कठिन बतलाना,
अपनी कोई परेशानी सुनना.
सिर्फ, रोकर बतलाना,
है लघु-शंका को आना.
लो पेट पर ही थपकी,
निकली, थी अब तक रुकी,
कपड़े गीले फिर कर दिए, फिर कहते हैं.
पेट को मिला आराम,
बड़े कर रहे अभी भी कोहराम.
ओह! पेट लग रहा है खाली,
देखूं सबको आँखें लिए सवाली,
अरे रोना शुरू हुआ, फिर कहते हैं.
पेट में हो रहा बहुत दर्द,
मम्मी है सोई, कहेंगे सब बेदर्द.
रोना छूटा, दूध पिलाते हैं,
उफ़ लोरी गा-गा सुलाते हैं,
रोना बंद नहीं हो रहा, फिर कहते हैं.
ये बालपन की थी कुछ परेशानी,
सोचा नहीं? क्यूँ हो रही है हैरानी?
बोलना सीखना क्या आसान था,
चलने में तो गिर कर बुरा हाल था,
संग मेरे तुतलाते हैं, साफ़ बोलो, फिर कहते हैं.
वो न छुओ, वहां न जाओ,
कुछ पूछो तो -अभी न सताओ.
ना ही पास है पैसे हमारे,
दिन-रात सुनाते हैं बातें सारे.
कितना सब हम सहते हैं,
ना अपनी मर्जी से जी सकते हैं,
मस्ती की है जिंदगी फिर कहते हैं.
5.37pm, 15/3/2013
Once again Thanks a lot :)
11 Years Ago
I'm not shocked - Your great writer and i can see that from this hindi version :)
Thanks for s.. read moreI'm not shocked - Your great writer and i can see that from this hindi version :)
Thanks for sharing :)
- Cheers!
Singh :)
I am humbled by your great words, its the affection which makes you think so nice for me. Thanks a l.. read moreI am humbled by your great words, its the affection which makes you think so nice for me. Thanks a lot :)
The Hindi Version for those who can read in Hindi, hope you like it too :)
Posted 11 Years Ago
11 Years Ago
फिर कहते हैं
***************
दो बड़े कर रहे .. read moreफिर कहते हैं
***************
दो बड़े कर रहे बातें
बच्चों की होती हैं दिन और रातें,
न कमाने की चिंता कोई,
न गंवाने के डर में नींद खोई.
.
.
भूले? क्या बचपन के दिन थे,
जब बोल बोलना नहीं सीखे थे,
था कितना कठिन बतलाना,
अपनी कोई परेशानी सुनना.
सिर्फ, रोकर बतलाना,
है लघु-शंका को आना.
लो पेट पर ही थपकी,
निकली, थी अब तक रुकी,
कपड़े गीले फिर कर दिए, फिर कहते हैं.
पेट को मिला आराम,
बड़े कर रहे अभी भी कोहराम.
ओह! पेट लग रहा है खाली,
देखूं सबको आँखें लिए सवाली,
अरे रोना शुरू हुआ, फिर कहते हैं.
पेट में हो रहा बहुत दर्द,
मम्मी है सोई, कहेंगे सब बेदर्द.
रोना छूटा, दूध पिलाते हैं,
उफ़ लोरी गा-गा सुलाते हैं,
रोना बंद नहीं हो रहा, फिर कहते हैं.
ये बालपन की थी कुछ परेशानी,
सोचा नहीं? क्यूँ हो रही है हैरानी?
बोलना सीखना क्या आसान था,
चलने में तो गिर कर बुरा हाल था,
संग मेरे तुतलाते हैं, साफ़ बोलो, फिर कहते हैं.
वो न छुओ, वहां न जाओ,
कुछ पूछो तो -अभी न सताओ.
ना ही पास है पैसे हमारे,
दिन-रात सुनाते हैं बातें सारे.
कितना सब हम सहते हैं,
ना अपनी मर्जी से जी सकते हैं,
मस्ती की है जिंदगी फिर कहते हैं.
5.37pm, 15/3/2013
Very cute.......childhood days are very colorful and precious. The conversation of kids gives a pleasant feeling...The first word, first trial to walk all these are very wonderful memories.
Beautifully penned .Thank you :)
Well those pictures are excellent and babies are so cute Prritiy.
Regarding poetry this is amazing and I went back to my olden times :)
I hope this was initially written in Hindi and then to English ;)
Wow! I would appreciate if you share you - Hindi version here with me :)
- Cheers!
- Singh :)
Posted 11 Years Ago
1 of 1 people found this review constructive.
11 Years Ago
Vikrant many many thanks for such a wonderful review, these pics are of my youngest and sweet nephew.. read moreVikrant many many thanks for such a wonderful review, these pics are of my youngest and sweet nephew Dhruv taken at his various stages of growth. :)
I am glad you went back to your childhood but the later stage :P earlier you can only imagine not remember :)
You are right on the point this is also one of those which i initially wrote in Hindi.
here's for you :)
फिर कहते हैं
***************
दो बड़े कर रहे बातें
बच्चों की होती हैं दिन और रातें,
न कमाने की चिंता कोई,
न गंवाने के डर में नींद खोई.
.
.
भूले? क्या बचपन के दिन थे,
जब बोल बोलना नहीं सीखे थे,
था कितना कठिन बतलाना,
अपनी कोई परेशानी सुनना.
सिर्फ, रोकर बतलाना,
है लघु-शंका को आना.
लो पेट पर ही थपकी,
निकली, थी अब तक रुकी,
कपड़े गीले फिर कर दिए, फिर कहते हैं.
पेट को मिला आराम,
बड़े कर रहे अभी भी कोहराम.
ओह! पेट लग रहा है खाली,
देखूं सबको आँखें लिए सवाली,
अरे रोना शुरू हुआ, फिर कहते हैं.
पेट में हो रहा बहुत दर्द,
मम्मी है सोई, कहेंगे सब बेदर्द.
रोना छूटा, दूध पिलाते हैं,
उफ़ लोरी गा-गा सुलाते हैं,
रोना बंद नहीं हो रहा, फिर कहते हैं.
ये बालपन की थी कुछ परेशानी,
सोचा नहीं? क्यूँ हो रही है हैरानी?
बोलना सीखना क्या आसान था,
चलने में तो गिर कर बुरा हाल था,
संग मेरे तुतलाते हैं, साफ़ बोलो, फिर कहते हैं.
वो न छुओ, वहां न जाओ,
कुछ पूछो तो -अभी न सताओ.
ना ही पास है पैसे हमारे,
दिन-रात सुनाते हैं बातें सारे.
कितना सब हम सहते हैं,
ना अपनी मर्जी से जी सकते हैं,
मस्ती की है जिंदगी फिर कहते हैं.
5.37pm, 15/3/2013
Once again Thanks a lot :)
11 Years Ago
I'm not shocked - Your great writer and i can see that from this hindi version :)
Thanks for s.. read moreI'm not shocked - Your great writer and i can see that from this hindi version :)
Thanks for sharing :)
- Cheers!
Singh :)
I am humbled by your great words, its the affection which makes you think so nice for me. Thanks a l.. read moreI am humbled by your great words, its the affection which makes you think so nice for me. Thanks a lot :)