Maa!!!

Maa!!!

A Poem by Madhav Rathi
"

To the one, I never expressed my love to....

"
माँ!!!
तेरा हाथ पकड़ के जब मैंने छोड़ा था, मैंने सोचा न था कि उस हाथ को मैं वापस, फिर कभी न पकड़ पाऊं�-ा!!!

तेरे हाथ के खाने को जब मैंने न बो�™ा था, मैंने कभी न सोचा था कि मैं उस ही खाने के �™िए इतना तरस जाऊं�-ा!!!

तेरी �-ोद में सोने से जब मैंने मूँह मोड़ा था, मैंने सोचा न था कि वैसी नींद मैं कहीं �"र न सो पाऊँ�-ा!!!

तेरी स�™ाहों को जब मैंने व्यर्थ मानके छोड़ा था, मैंने सोचा न था कि वो स�™ाहें मेरी सारी दिक्कतें एक प�™ में आसान कर देंती!!!

जब मैं खुश होता था खुद के ज़बान होने को �™ेके, मैंने प�™-भर को भी इत्ता न सोचा कि साथ ही साथ तू भी एक दिन �"र बूढ़ी हुए जा रही है!!!

मैं जब मुस्कुराता था �"रों के साथ होके, मैंने सोचा न था उस ही प�™ तू मेरे साथ को तरसती हो�-ी!!!

मैं जब बात-बात पे तेरे दिए कामों को टा�™ दिया करता था, मैंने कभी न सोचा था कि आखिर में वो काम तुझे खुद ही करना होता हो�-ा!!!

मैं जब तेरे �™िए अपना प्यार जताने से डरता था, मैंने अपने ख्या�™ों में भी न सोचा था कि वो प्यार मैं फिर कभी न जता पाऊँ�-ा!!!

मैंने कभी न सोचा था माँ, पर मैं हर जनम में तेरा ही बेटा बनके रहना चाहूँ�-ा माँ!!! मैं हरदम ही तेरे साथ को तरसता रह जाऊँ�-ा माँ!!! मैं हरदम ही तरसता रह जाऊँ�-ा माँ!!! मैं तुझे कभी न भू�™ पाऊँ�-ा माँ, कभी तेरा सर न झुकाऊँ�-ा माँ!!!
माँ!!!!!

© 2017 Madhav Rathi


My Review

Would you like to review this Poem?
Login | Register




Reviews

[send message][befriend] Subscribe
¿
Better hold tight her hands and give and gain the most adorable love in the world.....fate might not be fortunate at the next flicker!
Tumhare emotions bohot nikhar ke aa rahe the...U may pray n love your mother for the rest of your life😊

Posted 6 Years Ago


1 of 1 people found this review constructive.

Madhav Rathi

6 Years Ago

Hey!!! Thnq so much Tashin💙
¿

6 Years Ago

Wc😊....!!
Touched the heart,bruh.❤️

Posted 7 Years Ago


Madhav Rathi

7 Years Ago

Thnxx sarthak
One never realises that memories can be brought back to life again or will simply be the last. I liked this a lot. It hit me hard. All the emotion in your words was very effective. I am glad I came across this one.

Posted 7 Years Ago


1 of 1 people found this review constructive.

Madhav Rathi

7 Years Ago

Thnq so much Najam Us Saher. Means a lot, what you've said.
Najam Us Saher

7 Years Ago

You're welcome.

Share This
Email
Facebook
Twitter
Request Read Request
Add to Library My Library
Subscribe Subscribe


Stats

246 Views
3 Reviews
Rating
Added on September 25, 2017
Last Updated on September 25, 2017

Author

Madhav Rathi
Madhav Rathi

Indore, Chaawni, India



About
I don't believe in breaking promises and thus, I'm keeping one!!! more..

Writing