परिवारA Poem by Charu Singh
परिवार ( family)
परिवार किसी के कहने से नहीं होता, उसे बनाने के किए दि™ चाहिए, दि™ में संतुष्टि, "र संतुष्टि में प्रेम चाहिए। परिवार को परिवार का नाम देने की जरूरत नहीं, कोई खून के रिश्ते की जरूरत नहीं। जरूरत है तो बस, जताने "र निभाने की। आदर दो, खुशी दो, दि™ में उनके ™िए कपट "र ज™न ना हो, यही निभाना है, "र यही कहने से नहीं कार्यों से जताना है। आप उनकी खुशी में खुश हो जा", उनके दुख में दुखी, हर वक्त साथ निभा", दिखावटी नहीं, दि™ से सम्मान करो। © 2020 Charu Singh |
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