Kuch rishta sa hai

Kuch rishta sa hai

A Poem by Charu Singh

कुछ रिश्ता सा है,
तुम्हारी इन आंखों से,
तुम्हारे बिना कुछ कहे ही
यह मुझसे सब कुछ कह जाती हैं।

कुछ रिश्ता सा है,
तुम्हारी इन बातों से,
बिना उन्हें सुने ही,
सब महसूस कर �™ेती हूं मैं।

कुछ रिश्ता सा है,
तुम्हारी इन अदा�"ं से,
बिना कुछ दिखे ही,
सब दिखा देती हैं।

हां कुछ रिश्ता तो है तुमसे,
तुमसे ही तो सब सिखा है मैंने।

© 2020 Charu Singh


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Added on June 20, 2020
Last Updated on June 20, 2020

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Charu Singh
Charu Singh

Etawah, Uttar pradesh, India



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A Poem by Charu Singh