Rinky Bhandari : Writing

मेरी ग�™ी

मेरी गली

A Poem by Rinky Bhandari


नफरत का जहां नाम नहीं,प्यì..
निस्ठुर पुत्र

निस्ठुर पुत्र

A Poem by Rinky Bhandari


निस्ठुर पुत्रआज मेरी रुह..
क्यूँ है और क्यूँ नहीं यह प्रशन अब रहने दो।

क्यूँ है और क्यूँ न�..

A Poem by Rinky Bhandari


क्यूँ है �"र क्यूँ नहीं यì..
पत्थर

पत्थर

A Poem by Rinky Bhandari


अब जो मि�™े राहो मे पत्थर..